वाशिंगटन / नई दिल्ली (ऊँ टाइम्स) अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने उन कार्यों की सूची तैयार कर ली है, जिसे वे शपथ वाले दिन ही पूरा करेंगे। 20 जनवरी को शपथ लेने के तुरंत बाद बाइडन देश के सामने मौजूद चार चुनौतियों-कोरोना संकट, आर्थिक संकट, पर्यावरण संबंधी समस्याएं और नस्ली असमानता से निपटने के लिए करीब एक दर्जन प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करेंगे। यह भी माना जा रहा है कि वह अपने कार्यकाल के पहले दिन 1.1 करोड़ आप्रवासियों को नागरिकता देने का भी एलान कर सकते हैं।
व्हाइट हाउस के नवनियुक्त चीफ आफ स्टाफ रोन क्लीन ने आगामी व्हाइट हाउस वरिष्ठ कर्मियों को शनिवार को दिए एक ज्ञापन में कहा, ‘नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बाइडन ऐसे समय में कार्यभाल संभाल रहे हैं, जब देश गंभीर संकट से जूझ रहा है। हमारे सामने चार बड़े संकट हैं, जो एक दूसरे से जुड़े हैं। ये संकट है-कोरोना और इसके चलते पैदा हुआ आर्थिक संकट, पर्यावरण से जुड़ी समस्यांए और नस्ली समानता के अभाव से जुड़ा संकट है।’
इन सभी संकटों के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता है और बाइडन अपने कार्यकाल के शुरुआती 10 दिन में इन संकटों से निपटने के लिए निर्णायक कदम उठाएंगे। क्लीन ने कहा कि शपथ ग्रहण के दिन नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बाइडन चार संकटों से निपटने के लिए करीब एक दर्जन प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करेंगे।
बाइडन पहले ही दिन अमेरिकी लोगों को कोरोना वायरस महामारी से जुड़ा राहत पैकेज भी देंगे। उन्होंने कहा कि जैसे कि पहले ही घोषणा की गई थी, वह शिक्षा विभाग से छात्रों के लिए ऋण के भुगतान पर मौजूदा रोक की अवधि बढ़ाएंगे, पेरिस समझौते में पुन: शामिल होंगे और मुसलमानों पर प्रतिबंध हटाएंगे।
वाशिंगटन में बुलाए गए हैं हजारों सैनिक – वाशिंगटन में हिंसक प्रदर्शनों की आशंका के मद्देनजर रक्षा अधिकारियों द्वारा और सैनिकों को भेजने की मांग के बाद बड़ी संख्या में सैनिक विभिन्न प्रांतों से बसों और विमानों के जरिये शनिवार को राजधानी में आने लगे। वाशिंगटन में अगले हफ्ते की शुरुआत तक 25,000 से अधिक सैनिकों के आने का अनुमान है। कई हजार सैनिक बसों और सेना के ट्रकों में सवार हैं और वाशिंगटन आ रहे हैं। सेना संबंधी मामलों के मंत्री रायन मैक्कर्थी ने गर्वनरों से मदद मांगी है!
दरअसल, बाइडन के शपथ लेने से पहले प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए सेना के अधिकारियों ने प्रांतों के गर्वनरों से नेशनल गार्ड के अधिकाधिक जवानों को भेजने की अपील की थी, जिससे कि शहर के ज्यादातर हिस्से में शपथ ग्रहण से पहले लॉकडाउन लगाया जा सके। छह जनवरी को अमेरिकी संसद भवन पर भीड़ ने हिंसक धावा बोल दिया था। उसी घटना को देखते हुए यह आशंका जताई जा रही है कि हिंसक कट्टरपंथी समूह शहर को निशाना बना सकते हैं।
यही नहीं सशस्त्र घुसपैठियों के आने तथा विस्फोटक उपकरण लगाने जैसी आशंका भी जताई गई है। रविवार को हमलों की आशंका के मद्देनजर सभी प्रांतों की राजधानियों में हथियारों से लैस सैनिकों को तैनात किया गया है। प्रांतों के गवर्नरों ने आपात स्थिति की घोषणा कर दी है। प्रांतों के विधानसभा भवनों को जनता के लिए बंद कर दिया गया है। उधर, अमेरिकी संसद भवन के पास बने चेक पोस्ट को पार करने की कोशिश कर रहे एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसके पास से भरी हुई बंदूक और 500 से अधिक गोलियां बरामद की गई हैं।
सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते कई अमेरिकी परिवहन कंपनियों ने 17 से 20 जनवरी तक वाशिंगटन जाने वाली बसों को रद कर दिया है। इससे पहले ओवरसाइट कमेटी की चेयरपर्सन और अमेरिकी सांसद कैरोलिना मैलोनी ने विभिन्न बस सेवाओं, ऑटो रेंटल कंपनियों और होटलों को पत्र भेजकर संभावित घटनाओं को रोकने में मदद करने को कहा था। जिन कंपनियों को यह पत्र भेजा गया था, उनमें मेगाबस, ग्रेहाउंड, बोल्टबस, पीटर पैन, हयात, हिल्टन और मैरिएट शामिल हैं।
शपथ सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति सोनिया सोटोमायोर दिलाएंगी। यह कार्यक्रम इस लिहाज से ऐतिहासिक होगा कि पहली अश्वेत, दक्षिण एशियाई महिला उप राष्ट्रपति को शपथ दिलाने वाली सोटोमायोर पहली लातिन अमेरिकी न्यायमूर्ति हैं। एक सूत्र के मुताबिक सोटोमायोर का चयन हैरिस ने किया है। दोनों ने साथ में वकालत की है।
शपथ ग्रहण में दो बाइबल का भी उपयोग किया जाएगा जिनमें से एक उच्चतम न्यायालय के पहले अश्वेत न्यायमूर्ति थरगुड मार्शल की होगी। हैरिस, सोटोमायोर और मार्शल दोनों की प्रशंसक रही हैं। उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट एक वीडियो में कहा था कि च्च्उनके वकील बनने की इच्छा के पीछे एक प्रमुख वजह मार्शल हैं। सोटोमायोर ने इससे पहले 2013 में जो बाइडन को उप राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई थी।